शनिवार, 28 अगस्त 2010

सामाजिक बदलाव की हवा चली पाकिस्तान में

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक विकलांगों को मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा की सुविधाएँ प्रदान करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायधीश ने लैंगिक विकलांगों से संबंधी एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए चारों प्रांतों और इस्लामाबाद प्रशासन को यह आदेश दिए। पुलिस को भी आदेश दिया कि वह लैंगिक विकलांगों का शोषण न करें और उन के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज न करें। जस्टिस इफ्तिखार ने पुलिस को यह भी आदेश दिया कि यदि लैंगिक विकलांगों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज किया जाए तो उसकी सूचना सुप्रीम कोर्ट जरूर दी जाए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लैंगिक विकलांगों के खिलाफ इस तरह की कोई भी कार्रवाई समाजिक कल्याण विभाग और लैंगिक विकलांगों की संस्था के प्रतिनिधि की मौजूदगी में हो।
ये एक शुभ संकेत है कि हमारे पड़ोसी देश में ऐसा कानूनी प्रक्रिया के द्वारा हो रहा है। जैसा कि बाबू जी शास्त्री जे.सी.फिलिप कहते हैं कि सामाजिक बदलावों की गति बहुत धीमी होती है तो ये भी हो सकता है कि ये इसी बदलाव के तहत हो।

3 टिप्‍पणियां:

ZEAL ने कहा…

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सामाजिक बदलाव की गति चाहे जितनी भी धीमी हो , जब प्रक्रिया शुरू हो ही गयी है, तो बदलाव भी होकर ही रहेगा शायद।

Let's hope for the best .
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दीपक 'मशाल' ने कहा…

आज आपका ब्लॉग चर्चा मंच की शोभा बढ़ा रहा है.. आप भी देखना चाहेंगे ना? आइये यहाँ- http://charchamanch.blogspot.com/2010/09/blog-post_6216.html

ओशो रजनीश ने कहा…

बहुत ही बढ़िया लेख .... आप सही मायनो में समाज के उस वर्ग के लिए समाज सेवा का काम कर रही है जो समाज का अंग होते हुए भी समाज के द्वारा त्र्स्कृत है


http://oshotheone.blogspot.com

 

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